Parliament: संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र बुधवार यानी आज से शुरू होगा. सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे. बताया जा रहा है की, संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से पहले मीडिया से बातचीत करने की संभावना है.
Parliament में आज हो सकती है इन मुद्दों पर बहस
ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, संसद (Parliament) का तीन सप्ताह लंबा शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. दिल्ली में नगर निगम चुनाव के नतीजे और इस हफ्ते गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से पहला हफ्ता काफी गरमागरम रहने की उम्मीद है.
संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा. गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण सत्र में भी एक महीने की देरी हुई है. लोकसभा पहले दिन उन सदस्यों को श्रद्धांजलि देगी जिनका निधन सत्र के दौरान हुआ है.
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का हुआ था निधन
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, जिनका लंबी बीमारी के बाद अक्टूबर में निधन हो गया था. याद किए जाने वाले दिवंगत सदस्यों में से एक होंगे. यह उद्घाटन सत्र होगा जहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उच्च सदन के पदेन सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे.

विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग सहित कई मुद्दों को उठाने की बात कही है. आज 16 नए विधेयकों पर विचार और पारित करने की उम्मीद है. इस बीच, सरकार के विधायी एजेंडे में 25 विधेयक होंगे. उनमें से 16 नए हैं और सात लंबित और दो वित्त विधेयक होंगे.
महिला आरक्षण बिल संसद में होगा मुख्य विषयों में से एक
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले कुछ विधेयकों में ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक 2022, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (Geographical Indications of Goods) (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 और निरसन और संशोधन विधेयक, 2022 शामिल हैं.
महिला आरक्षण बिल संसद के शीतकालीन सत्र से पहले ध्यान में फिर से वापस लाया गया है. जद (यू) और बीजद (JD(U) and BJD) सहित कई विपक्षी दलों ने एक बार इस कदम का विरोध किया था. लेकिन बाद मांग की थी कि इसे इस सत्र में पेश किया जाए और पारित किया जाए.
इससे पहले पिछले साल, राज्यसभा में टीएमसी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी महिला आरक्षण बिल की मांग उठाई थी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की थी. जिसने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में उक्त बिल का वादा किया था.
इस ज़रूरी मुद्दे पर भी होगी संसद में बहस
सरकार के एजेंडे में एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल, 2019 भी शामिल है. जिसे 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था. रिपोर्ट इस साल 11 फरवरी को पेश की गई थी.
एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल समुद्री डकैती से संबंधित अपराधों के लिए व्यक्तियों पर शिकंजा कसने के लिए देश के भीतर आवश्यक कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून (United Nations Convention on the Law of the Sea- UNCLOS ) के अनुरूप घरेलू एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी कानून बनाने का प्रयास किया जा रहा है.