Indonesia: इंडोनेशिया की राजधानी को जकार्ता से नुसंतारा स्थानांतरित करना न केवल देश के बाढ़ और भीड़ से बचने के प्रयासों पर असर पड़ा है. बल्कि इसके आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभाव (economic and geopolitical) पड़ा है.
Indonesia की नई राजधानी का है यह महत्व
ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया (Indonesia) अगस्त में अपनी नई राजधानी में सरकारी भवनों का निर्माण शुरू कर दिया है. बोर्नियो द्वीप पर 1,300 किमी दूर इंडोनेशिया की एक नई राजधानी बनाने का विचार पहली बार 2019 में प्रस्तावित किया गया था.
इसकी आलोचना भी बहुत हुई थी. आलोचकों का कहना था कि राजधानी (Indonesia) का नया नाम लोगों को भ्रमित करने के लिए दिया गया है. और यह कदम पर्यावरणीय कारकों को भी ध्यान में नहीं रखता है. स्थाई सरकार का कहना था की, जकार्ता भीड़भाड़ वाला प्रदूषित हो गया है.

जकार्ता थी इंडोनेशिया की पहले राजधानी
BBC में छपी खबर के मुताबिक, जकार्ता आजादी के बाद से अब तक राष्ट्रीय राजधानी के रूप में रहा है. जकार्ता एक जर्जर शहर बनता जा रहा था. भीड़भाड़ से लेकर प्रदूषण तक जकार्ता की दिक्कतें बढ़ती जा रही थी. इस सबसे इतर, सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि जकार्ता में जलवायु परिवर्तन के कारण डूबने का खतरा था.
यह बात किसी से छुपी नहीं है की, इंडोनेशिया का लक्ष्य खुद को एक गतिशील इंडो-पैसिफिक शक्ति के रूप में स्थापित करना है. इंडोनेशिया में अधिक धन और विकास लाने के लिए इंडोनेशिया (Indonesia) ने अपनी राजधानी को जकार्ता से पूर्वी कालीमंतन में स्थानांतरित करने की योजना 2019 में ही बना बना ली थी. वैसे तो कई अधिकारिक रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था की 2050 तक जकार्ता पूरी तरह से डूब सकता है.
नई राजधानी नुसंतारा में पर्यावरण का रखा जा रहा है खास ध्यान
इंडोनेशिया (Indonesia) की नई राजधानी नुसंतारा में पर्यावरण का खास ध्यान रखा जा रहा है. नई राजधानी में पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) का उपयोग किया जाएगा.
इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति जोकोवी विडोडो ने कहा था की, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम जावा-केंद्रित नहीं बल्कि इंडोनेशिया-केंद्रित होना चाहते हैं. जब हम पश्चिम से पूर्व और उत्तर से दक्षिण की ओर एक लाइन खींचते हैं. तो केंद्र बिंदु नुसंतारा पर ही आके टिकता है.”
संसद में बोलते हुए, योजना मंत्री सुहार्सो मोनोआर्फा ने कहा, “नई राजधानी का एक केंद्रीय कार्य है और यह राष्ट्र की पहचान का प्रतीक है. साथ ही साथ आर्थिक गुरुत्वाकर्षण (economic gravity) का एक नया केंद्र भी है.”
नई राजधानी में है कुल इतनी ज़मीन
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय योजना और विकास एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक़ नई राजधानी के लिए कुल जमीन करीब 2,56,143 हेक्टेयर है. ऐसा कहा जा रहा है की, नुसंतारा का नेतृत्व एक चीफ अथॉरिटी करेगा. अब ऐसी उम्मीद की जा रही है इंडोनेशिया राजधानी बदलने के बाद बहुत तरक्की कर रहा है.
बता दें की, कजाकिस्तान और म्यांमार ने पिछले कुछ सालों में अपने राजधानी बदले हैं. 1997 में कजाकिस्तान ने अपनी राजधानी को अल्माटी से अस्ताना में स्थानांतरित कर दिया था. 2019 में अस्ताना का नाम बदलकर नूर-सुल्तान कर दिया गया था.