Saudi Arab: कई रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब (Saudi Arab) ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ खुफिया जानकारी साझा की है. जिसमें सऊदी अरब ने दावा किया है की, ईरान उस पर हमला कर सकता है. Saudi Arab के खुफिया जानकारी साझा करने के बाद अमेरिका की खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेना को सर्तक कर दिया गया है. बता दें की, हमला होने की पुष्टि अमेरिकी और सऊदी अरब के अधिकारीयों ने की है.
Saudi Arab पर हमले की तैयारी में है ईरान
अरब न्यूज़ से मिली अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, सऊदी अरब (Saudi Arab) और ईरान के बीच स्थिति ठीक नहीं है. ईरान कभी भी सऊदी अरब पर हमला कर सकता है. सऊदी अरब ने यह खुफिया जानकारी अमेरिका के साथ साझा की है. सऊदी अरब (Saudi Arab) में ईरान कई जगहों पर हमला कर सकता है. इस खुफिया जानकारी के सामने आते ही खाड़ी देशों में मौजूद अमेरिकी सेना को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ खुफिया जानकारी साझा की है. जिसमें ईरान से सऊदी (Saudi Arab) और इराक में एरबिल के ठिकानों पर हमले की चेतावनी दी गई है.
Iran क्यों कर सकता है Saudi Arab पर हमला
जानकारों का कहना है की इन हमलों का उद्देश्य हाल के हफ्तों में ईरान में हुए विरोध प्रदर्शनों से ध्यान हटाना है. ये प्रदर्शन कथित तौर पर हिजाब न पहनने के लिए पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए थे. तब से अब तक हजारों महिलाएं बिना सिर या चेहरे को ढके सड़कों पर उतर चुकी हैं और ईरानी सरकार को चुनौती दे रही हैं.
बताया जा रहा है की हमला 48 घंटों के भीतर हो सकता है. बता दें की, रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि “अमेरिका आने वाले खतरे के बारे में बहुत चिंतित है.”
उन्होंने आगे कहा की, “हम खतरे की तस्वीर के बारे में चिंतित हैं, और हम सउदी के साथ सैन्य और खुफिया चैनलों के माध्यम से लगातार संपर्क में हैं. हम क्षेत्र में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा में कार्य करने से नहीं हिचकिचाएंगे.”
ईरान ने पहले दी थी चेतावनी
इसके अलावा ब्रिगेडियर पेंटागन के प्रेस सचिव जनरल पैट राइडर ने भी इसी तरह की बात कही और कहा कि अमेरिका अपने सऊदी भागीदारों के साथ नियमित संपर्क में है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है की, ईरान ने देश में जारी विरोध प्रदर्शनों को भड़काने के लिए अमेरिका, सऊदी अरब और इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है.
पिछले महीने, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर ने सार्वजनिक रूप से सऊदी अरब को ईरान में विरोध प्रदर्शनों की कवरेज पर लगाम लगाने की चेतावनी दी थी. सितंबर में महसा अमिनी की मृत्यु के बाद से ईरान में हाहाकार मचा हुआ है. महिलाएं जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं.