PM Rishi Sunak: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक (PM Rishi Sunak) ने कहा कि ब्रिटेन के हितों और मूल्यों के लिए बीजिंग की बर्बरता तेज़ी से बढ़ रही है. और चीन के साथ संबंधों का तथाकथित स्वर्ण युग समाप्त हो गया है.
भारतीय मूल के पीएम (PM Rishi Sunak) की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब चीन में कार्यरत बीबीसी के एक पत्रकार पर शंघाई में कोविड-विरोधी प्रदर्शनों को कवर करने के दौरान हमला करने और हिरासत में लेने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं.
PM Rishi Sunak ने की चीन की आलोचना
Aljazeera से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेश नीति पर अपने पहले प्रमुख संबोधन में, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सनक (PM Rishi Sunak) ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ब्रिटेन और चीन के बीच स्वर्ण युग अब समाप्त हो गया है.
और यह चीन के प्रति एक सही दृष्टिकोण विकसित करने का समय है क्योंकि देश एक स्थिति बना रहा है. पीएम ऋषि सनक की कंजर्वेटिव पार्टी में कुछ लोग प्रधानमंत्री के आलोचक रहे हैं. उन्हें अपने पूर्ववर्ती लिज़ ट्रस की तुलना में चीन पर कम आक्रामक मानते हैं.

चीन में मानवाधिकार का हो रहा उल्लंघन
पीएम ऋषि सनक (PM Rishi Sunak) ने विदेश नीति पर अपना रुख सामने रखते हुए चीन में हो रहे मानवाधिकारों के हनन की भी आलोचना की है. पीएम ऋषि सनक ने पूर्व वित्त मंत्री जॉर्ज ओसबोर्न के चीन-ब्रिटिश संबंधों के वर्णन के संदर्भ में कहा की, “चलो स्पष्ट हो जाएं, तथाकथित सुनहरा युग समाप्त हो गया है. साथ ही इस भोले विचार के साथ कि व्यापार सामाजिक और राजनीतिक सुधार की ओर ले जाएगा.”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत-प्रशांत सहयोगियों के साथ व्यापार और सुरक्षा संबंधों को गहरा करने को प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा कि “इस क्षेत्र में अर्थशास्त्र और सुरक्षा अविभाज्य हैं.”
PM Rishi Sunak…
UK PM @RishiSunak on UK-China relations: "The so-called 'golden era' is over, along with a naive idea that trade would automatically lead to social and political reform. […] We recognize China poses a systemic challenge to our values and interests." pic.twitter.com/T1IE3BvHYD
— The Hill (@thehill) November 28, 2022
यूनाइटेड किंगडम ने चीनी सरकार से अपनी सख्त शून्य-कोविड नीति और स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के विरोध में ध्यान देने के लिए कहा है. ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने प्रेस को बताया की,
“चीनी सरकार के खिलाफ विरोध दुर्लभ हैं. और जब ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि दुनिया को इसके बारे में सोचना चाहिए. लेकिन मुझे लगता है कि चीनी सरकार को नोटिस लेना चाहिए.”
G20 में दोनों देशों के बीच हुई थी बैठक
हालाँकि, बाली में इस महीने के G20 शिखर सम्मेलन में पीएम सनक और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक नियोजित बैठक विफल रही थी. और पिछले हफ्ते लंदन ने संवेदनशील सरकारी भवनों से चीनी निर्मित सुरक्षा कैमरों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
यूके के पीएम ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) ने भी कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ चीन में चल रहे विरोध पर चिंता व्यक्त की और कहा कि लोगों की चिंताओं को सुनने के बजाय चीनी सरकार ने उन पर कार्रवाई का रास्ता चुना है.
बता दें की, हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शंघाई की सड़कों पर उतर आए थे. छात्रों ने बीजिंग और नानजिंग के विश्वविद्यालयों में भी प्रदर्शन किया है. इस बीच, रविवार दोपहर शंघाई शहर में सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे. जहां चीन की शून्य-कोविड नीति के खिलाफ शुरुआती घंटों में एक प्रदर्शन हुआ.
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