Jiang Zemin: चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने बुधवार को पूर्व चीनी राष्ट्रपति और CCP के महासचिव जियांग जेमिन (Jiang Zemin ) के निधन की घोषणा की है. देश के नागरिकों को लिखे एक पत्र में CCP ने कहा है की, “हमारे प्रिय कॉमरेड जियांग जेमिन कई अंगों की विफलता के साथ संयुक्त ल्यूकेमिया से पीड़ित थे. और डॉक्टर द्वारा उनका बचाव विफल रहा. उनका 96 साल की उम्र में 30 नवंबर, 2022 को 12:13 बजे शंघाई में निधन हो गया है.”
Jiang Zemin का हुआ निधन
BBC से मिली अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, पूर्व चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन (Jiang Zemin) जो तियानमेन स्क्वायर नरसंहार के बाद प्रमुखता से उभरे, का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. बताया जाता है की, तियानमेन स्क्वायर हत्याकांड के बाद जियांग ने बागडोर संभाली थी. जो बाद में चीन के जनवादी गणराज्य के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बन गया. चीन के पूर्व राष्ट्रपति जियांग ने देश के नेताओं द्वारा जनता पर शासन करने के तरीके को बदल दिया था.
चीन के अधिकारिक डाटा की माने तो, 1926 में जन्मे, जियांग जेमिन (Jiang Zemin) पेशे से एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे. जो ऑटोमोबाइल कारखानों में काम करते थे. वो अपने कॉलेज के दिनों में सीसीपी (CCP) में शामिल हुए थे. वह अपने करिश्मे और अपार आत्मविश्वास के कारण पार्टी के रैंकों में ऊपर उठे.
उनके वक़्त में शंघाई चीन का नया आर्थिक केंद्र बना था
चीन के पूर्व राष्ट्रपति (Jiang Zemin) 1985 में शंघाई के मेयर बने और बाद में शहर के सीसीपी (CCP) सचिव बने. कहा जाता है की, उस समय, शंघाई चीन का नया आर्थिक केंद्र बन गया था. जो नए चीन के लिए एक प्रतीक था. इसकी कल्पना माओ के बाद सीसीपी ने की थी. 1980 के दशक के अंत में शंघाई में उनकी स्थिति राष्ट्रीय राजनीति में उनके प्रवेश के लिए एक स्प्रिंगबोर्ड बन गई.

जियांग (Jiang Zemin) ने चीन की देखरेख तब की जब मध्य साम्राज्य ने खुद को विश्व बाजार के लिए खोलना शुरू किया और चीन के विकास इंजन को एक्सप्रेस गति से आगे बढ़ाया. बता दें की, उन्होंने डेंग शियाओपिंग का स्थान लिया जिन्होंने चीन को कम्युनिस्ट अर्थव्यवस्था से बाजार संचालित अर्थव्यवस्था में बदलने के बीज बोए थे. 2003 में जब जियांग चीन के शीर्ष पद से सेवानिवृत्त हुए तब तक उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया था कि देश दुनिया की महाशक्तियों में गिना जाने लगा है.
जियांग समझौतावादी उम्मीदवार थे
चीन की अधिकारिक रिपोर्ट की माने तो यह भी कहा जाता है की, तियानमेन चौक विरोध और उसके बाद हुए नरसंहार के बाद सीसीपी में काफी मंथन हुआ था. झाओ जियांग जैसे अधिक उदार नेताओं को नेताओं के लिए अत्यधिक समझौतावादी होने के कारण सत्ता के पदों से हटा दिया गया था.
जियांग को डेंग ने महासचिव के पद के लिए एक समझौतावादी उम्मीदवार के रूप में चुना था. वे असहमति के प्रति सख्त थे. फिर भी समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे. तीन वर्षों के भीतर, वह सीसीपी में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति और पीआरसी का अध्यक्ष बने थे.