Global Hunger Index: भारत 121 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) 2022 में 107वें स्थान पर खिसक गया है. दक्षिण एशियाई देशों की बात करें तो भारत की स्थिति युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से कुछ बेहतर है. अफगानिस्तान इस सूची में 109वें स्थान पर है.
Global Hunger Index में भारत का हाल है बुरा
The Hindu से मिली जानकारी के अनुसार, ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) में भारत की हालत बहुत खराब नज़र आ रही है. पहले ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 101 वे स्थान पर था लेकिन अब खिसकर 107 वे स्थान पर आ गया है. जानकारी के लिए बता दें की, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका भी भारत से आगे है.
GHI (Global Hunger Index) की रिपोर्ट में कहा गया है की, चीन, तुर्की और कुवैत सहित 17 देशों ने 5 से कम GHI स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है. कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 8 साल में 2014 के बाद से हमारा स्कोर खराब हुआ है.
कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम का अधिकारिक ट्वीट…
When will the Hon'ble PM address real issues like malnutrition, hunger, and stunting and wasting among children?
22.4 crore people in India are considered undernourished
India's rank in the Global Hunger Index is near the bottom — 107 out of 121 countries
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 15, 2022
GHI की अधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार की स्थिति भारत से बहुत बेहतर है. 121 देशों की सूची में पाकिस्तान 99वें, श्रीलंका 64वें, बांग्लादेश 84वें, नेपाल 81वें व म्यांमार 71वें स्थान पर है.
आयरिश सहायता एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ़ (Irish aid agency Concern Worldwide and German organisation Welt Hunger Hilfe) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को गंभीर बताया गया है.

2021 में भारत 116 देशों में से 101वें स्थान पर था. अब सूची में 121 देशों के साथ यह 107वें स्थान पर आ गया है. भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है. 2000 में 38.8 भारत का GHI था. 2014 और 2022 के बीच 28.2 – 29.1 हो गया है.
भारत सरकार नहीं मानती इस रिपोर्ट को
भारत के 100वें स्थान से नीचे गिरने के बाद सरकार ने पिछले साल रिपोर्ट को चौंकाने वाला कहा था. सरकार ने दावा किया कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) की गणना के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पैमाना नहीं सही है.
भारत सरकार का कहना है की, “FAO द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली अवैज्ञानिक है. उनका आकलन चार प्रश्न के ओपिनियन पोल सर्वे के परिणामों पर आधारित किया है. जो गैलप द्वारा टेलीफोन पर आयोजित किया गया था. अल्पपोषण को मापने के लिए कोई वैज्ञानिक पद्धति नहीं है. जैसे प्रति व्यक्ति खाद्यान्न की उपलब्धता. अल्पपोषण के वैज्ञानिक माप के लिए वजन और ऊंचाई की माप की आवश्यकता होती है. यहां पर सर्वे टेलीफोनिक अनुमान के आधार पर हुआ है.”
वेल्ट हंगर हिल्फ़ (Welt Hunger Hilfe) ने सरकार के इस दावे का खंडन किया है. और कहा है कि रैंकिंग में भारत की गिरावट गैलप द्वारा किए गए एक जनमत सर्वे पर आधारित है. बता दें की, ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़ों को देखें तो जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम कांगो, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और यमन की स्थिति भारत से भी खराब है.
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