चीन और ताइवान (China-Taiwan) के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. दोनों ही देशों के बीच जंग जैसे हालात पुरी तरह से बन चुके है. अमेरिका का हाँथ ताइवान पर होने की वजह से चीन अब तिलमिलाया हुआ है. इस बीच खबर आई है की, चीनी सैन्य अभ्यास से पहले ताइवान पर चीन ने साइबर हमला किया है.
ताइवान हुआ साइबर हमले का शिकार
WION से मिली अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि साइबर हमलों ने उसकी वेबसाइट को कुछ ही समय के लिए बंद कर दिया था. और यह कि चीन के साथ तनाव बढ़ने पर साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए वह अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे.
राष्ट्रपति कार्यालय सहित कई सरकारी वेबसाइटें इस सप्ताह की शुरुआत में विदेशी साइबर हमलों का निशाना थीं, जिनमें से कुछ, अधिकारियों के अनुसार, चीन और रूस द्वारा किए गए थे.
कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मैडम पेलोसी के आगमन से कई घंटे पहले, ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को शाम 5 बजे के आसपास निशाना बनाया गया था.
20 मिनट के लिए वेबसाइट हुई थी लैक
अधिकारिक जानकारी की माने तो, वेबसाइट ने ट्रैफ़िक में 200 गुना वृद्धि देखी जिसने इसे 20 मिनट के लिए कोई भी जानकारी दिखाने से रोक दिया था. बयान के अनुसार, मुद्दों के समाधान के बाद यह फिर से सामान्य रूप से काम करना शुरू कर दिया है.
जैसा कि न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा रिपोर्ट किया गया है, चीनी हैकर्स ने ऐतिहासिक रूप से चुनाव और संकट जैसे महत्वपूर्ण समय के दौरान ताइवान की वेबसाइटों को लक्षित किया है. विशेष रूप से सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि मैडम पेलोसी की यात्रा व्यवधानों से संबंधित थी या नहीं. विश्लेषकों ने आगाह किया है कि चीन इस यात्रा से नाखुशी व्यक्त करने के लिए साइबर हमले का उपयोग कर सकता है.
विदेशी बलों द्वारा निरंतर यौगिक सूचना गतिविधियों के जवाब में, राष्ट्रपति कार्यालय के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कार्यालय अपनी निगरानी को मजबूत करना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और स्थिर संचालन को सुरक्षित करना जारी रखेगें.
पाकिस्तान ने किया चीन का समर्थन
बता दें की, IMF और FATF के जाल में फंसे पाकिस्तान ने बुधवार को नैंसी की ताइवान विजिट का विरोध किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा- हम वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करते हैं. पाकिस्तान का कहना है की, पहले भी चीन के साथ खड़े थे और आगे भी खड़े रहेंगे.
मिली जानकारी के मुताबिक, पेलोसी के ताइवान आगमन पर चीन बौखला गया है. अब उसने ताइवान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. चीनी सरकार ने ताइवान को नेचुरल सैंड के देने पर रोक लगा दी है.
जानकारी के लिए बता दें की, कोरोना महामारी के बाद से कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ताइवान के लिए इनकम का सोर्स बन गया है. चीन हर तरफ से अब ताइवान को घेरने की कोशिश कर रहा है.
चीन और ताइवान (China-Taiwan) के बीच तनातनी बनी हुई है. लेकिन अब साइबर अटैक के बाद ताइवान का अगला कदम क्या होगा ये कह पाना अभी मुश्किल है.
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