Austra Hind-22: रक्षा मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में सूचित किया गया है की, भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास ऑस्ट्रा हिंद 22 (Austra Hind-22) आज से राजस्थान में शुरू होगा.
भारतीय सेना और ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ियों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास महाजन फील्ड फायरिंग रेंज राजस्थान में होने वाला है. ऑस्ट्रा हिंद 22 संयुक्त अभ्यास (Austra Hind-22) दोनों सेनाओं के बीच समझ और अंतर को बढ़ावा देगा. यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा.
Austra Hind-22 सैन्य अभ्यास आज से शुरू होने जा रहा है
ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, ऑस्ट्रा हिंद (Austra Hind-22) की श्रृंखला में यह पहला अभ्यास है जिसमें दोनों सेनाओं के सभी हथियारों और सेवाओं की भागीदारी होगी. बताया जा रहा है की, द्वितीय डिवीजन की 13वीं ब्रिगेड के सैनिकों वाली ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ी अभ्यास स्थल पर पहुंच चुकी है.
रक्षा मंत्रायल का कहना है की, भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व डोगरा रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जाता है. अभ्यास ऑस्ट्रा हिंद (Austra Hind-22) एक वार्षिक कार्यक्रम होगा. जो भारत और ऑस्ट्रेलिया में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाएगा. 28 नवंबर से 11 दिसंबर तक निर्धारित, यह ‘ऑस्ट्रा हिंद’ की श्रृंखला में पहला अभ्यास है. जिसमें दोनों सेनाओं के सभी हथियारों और सेवाओं की भागीदारी होगी.
The inaugural Edition of Joint Military Exercise between #IndianArmy & #AustralianArmy 'AUSTRAHIND-2022' will be conducted at #Rajasthan from 27 Nov-11 Dec 2022 with focus on #PeaceKeeping Operations under the UN mandate.#IndiaAustraliaFriendship pic.twitter.com/ZfTNRvXTGG
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 27, 2022
रक्षा मंत्रायल की तरफ से आया यह बयान
रक्षा मंत्रालय ने कहा की, “अभ्यास (Austra Hind-22) का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना है. एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करना और संयुक्त राष्ट्र शांति प्रवर्तन शासनादेश के तहत अर्ध-रेगिस्तानी इलाके में बहु-डोमेन संचालन करते हुए एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है.”

आगे अपने बयान में मंत्रालय ने कहा है की, “यह संयुक्त अभ्यास (Austra Hind-22) दोनों सेनाओं को शत्रुतापूर्ण खतरों को बेअसर करने के लिए कंपनी और प्लाटून स्तर पर सामरिक संचालन करने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम करेगा.”
दोनों देशों के रिश्ते होंगे और मजबूत
अभ्यास के दौरान, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रतिभागी संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल की मूल बातें साझा करने और शत्रुतापूर्ण लक्ष्य पर हमला करने जैसे विभिन्न कार्यों में शामिल होंगे. संयुक्त अभ्यास, दोनों सेनाओं के बीच समझ और अंतर-क्षमता को बढ़ावा देने के अलावा, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा.
भारत और ऑस्ट्रेलिया को हिंद महासागर के किनारों के संरक्षक के रूप में बताते हुए, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बेड़े के कमांडर रीयर एडमिरल जोनाथन अर्ली ने कहा कि इस क्षेत्र की चुनौतियों में जलवायु परिवर्तन और चल रही बड़ी शक्ति मांसपेशी आंदोलन शामिल है. उन्होंने क्षेत्र के लिए समुद्री डोमेन जागरूकता (Maritime Domain Awareness -MDA) पर जोर देते हुए विश्वास और विश्वास बनाने के लिए दोनों देशों के एक साथ प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया.
बताया जा रहा है की, रियर एडमिरल अर्ली 1,300 कर्मियों के साथ दो नौसैनिक जहाजों का नेतृत्व कर रहे हैं. जो वर्तमान में इंडो-पैसिफिक एंडेवर (IPI) के चौथे संस्करण के हिस्से के रूप में विशाखापत्तनम में डॉक किए गए हैं. जो ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख क्षेत्रीय जुड़ाव है.