India-China faceoff: भारतीय और चीनी सैनिक (India-China faceoff) 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भिड़ गए थे. झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हो गए थे. बताया गया था की, 200 से अधिक चीनी सैनिकों ने 17,000 फुट ऊंची चोटी तक पहुंचने का प्रयास किया और भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें विफल कर दिया था.
यह इलाका अब बर्फ की चपेट में है. चीनी सैनिक एक भारतीय चौकी को उखाड़ना चाहते थे. लेकिन भारत (India-China faceoff) की ओर से इस प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया था. दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए थे.
India-China faceoff में अमेरिका का यह बयान आया सामने
अधिकारिक मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (13 दिसंबर) को संसद को बताया कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयास का विरोध किया और घुसपैठ में लगे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पीछे धकेल दिया था. उन्होंने कहा कि झड़प में भारतीय और चीनी दोनों सैनिकों को कुछ चोटें आई हैं.
इसी को लेकर पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी रक्षा विभाग तवांग में भारत-चीन सीमा (India-China faceoff) पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है और चीनी घुसपैठ को बीजिंग द्वारा खुद को मुखर करने और उकसाने वाला एक बढ़ता रुझान बताया है.
रक्षा मंत्री ने कहीं ये बातें
इसके अलावा बता दें की, रक्षा मंत्री ने लोकसभा को बताया कि 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिकों (India-China faceoff) ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी के पार घुसपैठ की और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है.

भारतीय सैनिकों ने चीन (India-China faceoff) की इस कोशिश का दृढ़ता से विरोध किया है. और इस फेसऑफ़ में हाथापाई हुई है. रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारी सेना ने बड़ी बहादुरी के साथ पीएलए की घुसपैठ को रोका और उन्हें अपनी चौकी पर लौटने के लिए मजबूर किया है.”
झड़प में सैनिकों को आई थी छोटे
उन्होंने कहा कि झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को कुछ चोटें आईं हैं. लेकिन कोई भी भारतीय सैनिक (India-China faceoff) नहीं मारा गया या गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ. इसके बाद सेना के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर को अपने चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की है. जहां चीनी पक्ष से सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राजनयिक स्तर पर भी चीनी पक्ष के साथ इस मामले को उठाया गया है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार चीन और पाकिस्तान (India-China faceoff) सहित पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने में विफल रही है. नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चीन लद्दाख से पूरी तरह से पीछे नहीं हटा है और अरुणाचल प्रदेश में एक नया मोर्चा खोल दिया है.